गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर के निधन से देश ही नहीं, मथुरा के नौहझील ब्लॉक के उन 32 गांवों में भी शोक छाया हुआ है जिनकी दिवंगत नेता ने अपनी ‘सांसद क्षेत्रीय विकास निधि’ से मदद की थी. पर्रिकर का 17 मार्च, रविवार को अग्नाशय के कैंसर से निधन हो गया था. उन्होंने अंतिम बार गोवा का मुख्यमंत्री बनने से पहले, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा का सदस्य रहते मथुरा नौहझील ब्लॉक के 32 गांवों में पेयजल समस्या के निदान और इलाके की सड़कों के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ 20 लाख रुपए दिए थे. यह मदद पर्रिकर ने अपनी ‘सांसद क्षेत्रीय विकास निधि’ से की थी. अभी इन परियोजनाओं पर काम चल रहा है. नौहझील ब्लॉक के एक स्थानीय बीजेपी नेता राजेश कुमार ने बताया कि जब पर्रिकर राज्यसभा के सदस्य थे तब उनको यहां की समस्याएं बताई गईं और क्षेत्र की पेयजल समस्या और जर्जर पड़ी सड़कों की मरम्मत के लिए क्षेत्रीय विकास निधि से मदद मांगी गई थी. उन्होंने बताया, ‘पर्रिकर ने हमारी मांग सहर्ष स्वीकार कर ली. फिर वह गोवा के मुख्यमंत्री बने. इसके बावजूद उन्होंने सहायता राशि का उपयोग करने का सहमति पत्र जारी कर दिया था. हालांकि स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह शिलान्यास और कामों की शुरुआत करने के लिए यहां नहीं आ सके. काम चल रहा है.’ राजेश कुमार ने बताया कि ‘नौहझील ब्लॉक के कोलाहर, उदयागढ़ी, सकतपुर, नोशेरपुर, चांदपुर कलां, सीगोंनी आदि 32 गांवों के लिए पेयजल योजनाएं प्रारंभ की गई हैं और कई सड़कों की मरम्मत के लिए काम कराया जा रहा है इसलिए इन गांवों में जब लोगों को पर्रिकर के निधन की सूचना मिली तो सभी को बहुत दुख हुआ.’
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