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हिंदू विरोधी बयानबाजी करने वाले पाकिस्तानी मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना एवं संस्कृति मंत्री फयाजुल हसन चौहान ने मंगलवार को हिंदू विरोधी टिप्पणी को लेकर इस्तीफा दे दिया. मंत्री की टिप्पणी को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से तीखी आलोचना की गई. जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने चौहान को मुख्यमंत्री आवास बुलाया और उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा. सूत्रों ने कहा, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री ने चौहान से उनकी हिंदू विरोधी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगा.’ सूत्रों ने बताया, ‘चौहान के खिलाफ इससे पहले भी शिकायतें मिली थीं जिसके लिए उन्हें चेतावनी दी गई थी.’ इससे पहले दिन में चौहान ने अपनी पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ’ सरकार के सदस्यों और सोशल मीडिया यूजर्स की ओर से तीखी आलोचना किए जाने के बाद माफी मांग ली. उन्होंने कहा, ‘मेरे निशाने पर पाकिस्तान में हिंदू समुदाय नहीं बल्कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय सशस्त्र बल और उनकी मीडिया थी.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी टिप्पणी से यदि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय को ठेस लगी है तो मैं माफी मांगता हूं. मेरी टिप्पणी किसी भी तरह से पाकिस्तान के हिंदू समुदाय के खिलाफ नहीं थी.’ भारतीय हिंदुओं पर साधा था निशाना ‘पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ’ के नेता नईमुल हक ने कहा कि पार्टी की सरकार यह बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके साथ ही मानवाधिकार एवं वित्त मामलों के संघीय मंत्रियों ने भी चौहान की टिप्पणी की निंदा की. उमर ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान के हिंदू, राष्ट्र के ताने बाने का उतना ही हिस्सा हैं जितना मैं हूं. इस बात को याद रखें कि पाकिस्तान का राष्ट्रध्वज केवल हरा नहीं है. यह सफेद रंग के बिना अधूरा है जो अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करता है.’ विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने भी ट्वीट करके कहा, ‘पाकिस्तान को गर्व है कि उसके झंडे में हरे के साथ ही सफेद रंग भी है. देश हिंदू समुदाय के योगदान को महत्व देता है और उनका सम्मान करता है.’ सरकारी अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 73 लाख हिंदू रहते हैं. हालांकि समुदाय का कहना है कि देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं. यह पाकिस्तान में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. पाकिस्तान के अधिकांश हिंदू सिंध प्रांत में बसे हुए हैं जहां वे मुस्लिम समुदाय के साथ संस्कृति, परंपरा और भाषा को साझा करते हैं.

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