1983 वर्ल्ड कप के समय क्रिकेटरों को टेस्ट मैच के लिए सिर्फ 10 हज़ार रुपये मिलते थे. आज रणजी ट्रॉफी के लिए उससे तिगुनी फीस मिलती है. इस वर्ल्ड कप में फॉर्मेंट में बदलाव हुआ था. पहली बार ग्रुप मैचों के दौरान टीमें 2-2 बार भिड़ीं. इस वर्ल्ड कप फाइनल में किसी ने अर्धशतक तक नहीं लगाया. फाइनल में ‘मिस्टर एकस्ट्रा’ यानी अतिरिक्त रनों से भारत को 20 रन मिले. सेमी-फाइनल और फाइनल में मैन ऑफ द मैच मोहिंदर अमरनाथ बने. ऐसा कमाल करने वाले वह दुनिया के पहले खिलाड़ी बने. पूरे टूर्नामेंट में 100 से ज़्यादा की स्ट्राइक रेट सिर्फ कपिल देव के नाम थी. इस वर्ल्ड कप में ज़िम्बॉब्वे ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर सबको चौंकाया. इसके बाद ज़िम्बॉब्वे को अगली जीत 18 मैच बाद मिली. वेस्टइंडीज़ के विंस्टन डेविड ने एक मैच में झटके 7 विकेट. वन-डे मैचों में भी कभी ऐसा नहीं हुआ था. न्यूज़ीलैंड के मार्टिन स्नीडन बने सबसे महंगे गेंदबाज़. उन्होंने 12 ओवर में 105 रन लुटा दिये थे.
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