हर साल वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का ऐलान करने वाली ब्रिटिश एजेंसी क्वैकरेली सायमंड्स (QS) के सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 8 फीसदी छात्रों ने विदेश में पढ़ने (Studying Abroad) के फैसले को बरकरार रखा. वहीं, 7 फीसदी ने विदेश जाने की योजना पूरी तरह रद्द कर दिया है. हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाने वाले छात्रों में 48 फीसदी को ऑनलाइन एजुकेशन में रुचि ही नहीं है.
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