उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर नगर निगम के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की 48 वर्षीय अर्चना वर्मा 30 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीतकर यहां की पहली महापौर (Mayor) बन गई हैं. शाहजहांपुर को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद यहां पहली बार चुनाव हुआ है.
यूपी में 2017 में नगर निकाय चुनाव होने के एक साल बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 2018 में शाहजहांपुर को नगर निगम का दर्जा दिया था. यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित की गई थी.
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार अर्चना वर्मा को 80,762 वोट (49.5 फीसदी) मिले, जबकि कांग्रेस की 63 वर्षीय निकहत इकबाल को 50,484 (30.94 फीसदी) वोट मिले. समाजवादी पार्टी की माला राठौड़ को 20,155 वोट (12.35 फीसदी) से ही संतोष करना पड़ा. यहां कुल आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.
आयोग ने बताया कि नोटा का वोट शेयर 0.82 प्रतिशत रहा. शाहजहांपुर के महापौर चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सपा ने शुरू में अर्चना वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं.
शाहजहांपुर निर्वाचन क्षेत्र पर इसलिए भी सबकी निगाहें लगी थीं क्योंकि यूपी सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर इसी जिले से आते हैं.
इससे पहले, अर्चना वर्मा से जब पूछा गया कि महापौर उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उन्होंने सपा क्यों छोड़ी, उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'सपा के लोगों ने गुट बना लिए थे और वे मुझे हराने की साजिश रच रहे थे.'
अर्चना वर्मा समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति सिंह वर्मा की पुत्रवधु हैं. प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हम प्रदेश की जनता का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हैं जिसने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर मोहर लगाई है. उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में भाजपा की पहली महापौर बनने के साथ ही हमारे पार्षद भी बड़े पैमाने पर जीते हैं और हमें पूर्ण बहुमत मिला है.
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