ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) ने फर्जी नामों से सिम कार्ड खरीदने और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ अपने 'ओटीपी' साझा करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के महानिरीक्षक (IG) जेएन पंकज ने रविवार को बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाने के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) का इस्तेमाल किया था.
आरोपी पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में सक्रिय कुछ पाकिस्तानी खुफिया एजेंट (पीआईओ) तथा आईएसआई एजेंटों सहित विभिन्न ग्राहकों को ओटीपी (सिम का उपयोग करके लिंक/ जनरेट) बेच रहे थे.
आईजी पंकज ने संवाददाताओं से कहा कि ओटीपी साझा करने के बदले में आरोपियों को भारत में स्थित पाकिस्तानी एजेंटों से रुपयों का भुगतान किया जाता था. यह आरोपी कथित तौर पर एक महिला पीआईओ एजेंट के संपर्क में थे, जिसे पिछले साल राजस्थान में गिरफ्तार किया गया था.
ओटीपी का इस्तेमाल व्हाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंच पर विभिन्न अकाउंट बनाने और ई-मेल अकाउंट खोलने के लिए भी किया जाता था.
एसटीएफ के महानिरीक्षक ने बताया कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों जैसे जासूसी, आतंकवादियों के साथ संपर्क, कट्टरपंथ, भारत विरोधी प्रचार, सोशल मीडिया पर भारत विरोधी भावनाओं को हवा देने, 'हनी-ट्रैपिंग' और अन्य असामाजिक गतिविधियों में किया जाता था.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान नयागढ़ जिले के बड़ापांडुसर के पठानिसमंत लेंका (35), नयागढ़ जिले के दासपल्ला इलाके के आईटीआई शिक्षक सरोज कुमार नायक (26) और जाजपुर जिले के सुजानपुर इलाके की सौम्या पटनायक (19) के रूप में की गई है.
एसटीएफ के जवानों ने गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार को छापेमारी के दौरान आरोपियों को पकड़ लिया. आईजी पंकज ने कहा कि आरोपियों के पास से 19 मोबाइल फोन, पहले से सक्रिय सिम कार्ड, एटीएम कार्ड और एक लैपटॉप जब्त किया गया है.
भुवनेश्वर की उप मंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) अदालत ने शनिवार को आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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