अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली यानी डीआरएस के इस्तेमाल को लेकर अक्सर बहस छिड़ती रहती है. इस बार श्रीलंका और साउथ अफ्रीका के बीच डरबन में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में फिर इस पर सवाल उठे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पहले दिन डीन एल्गर को दिन के पहले ही ओवर में आउट करने के बाद श्रीलंका के विश्वा फर्नांडो की गेंद हाशिम अमला के पैड पर लगी. फील्डिंग कर रही श्रीलंकाई टीम ने इस पर जोरदार अपील की. लेकिन अंपायर अलीम डार ने नॉट आउट करार दिया. साथी खिलाड़ियों से बातचीत करने के बाद दिमुथ करुणारत्ने ने डीआरएस लेने का फैसला किया. लेकिन डार ने यह कहते हुए तीसरे अंपायर के पास जाने से इनकार कर दिया कि फील्डिंग टीम ने इसके लिए काफी समय ले लिया है. ये भी पढ़ें- SL vs SA, 1st Test day 1: फर्नांडो और रजिता की शानदार गेंदबाजी, श्रीलंका ने साउथ अफ्रीका को 235 रन पर समेटा आईसीसी के टेस्ट प्लेइंग कंडीशन के सेक्शन 3.2.2 के अनुसार बॉल के डेड होने और रिव्यू लेने के बीच 15 सेकेंड से ज्यादा का समय नहीं होना चाहिए. अगर अंपायर को लगे कि अपील तय समय के भीतर नहीं ली गई है उन्हें खिलाड़ी के रिव्यू की अपील ठुकरा देनी चाहिए. पाया गया कि करुणारत्ने ने सिर्फ 13 सेंकेंड के भीतर अपील कर दी थी. अगर श्रीलंका रिव्यू लेने में कामयाब हो जाता तो वह साउथ अफ्रीका के शुरुआती दो विकेट शून्य पर ही झटक लेता. विश्व फर्नांडो के चार विकेट की मदद से श्रीलंका ने साउथ अफ्रीका को बुधवार को पहला दिन अपने नाम किया. श्रीलंका ने इसके जवाब में पहले दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट पर 49 रन बनाए हैं. स्टंप उखड़ने के समय कप्तान दिमुथ करूणारत्ने 28 और अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे ओसादा फर्नांडो 17 रन पर खेल रहे थे.
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