याची का कहना था कि उसे लिखित परीक्षा में 90 अक मिलने चाहिए थे लेकिन 89 अंक ही मिले हैं. एक अंक की कमी से वह चयनित होने से वंचित रह गई है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने मुरादाबाद (Moradabad) की मधुरानी की याचिका पर दिया है.
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