प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस छिड़ गई है. जहां आम आदमी पार्टी और उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने इसका समर्थन किया है. वहीं, नॉर्थईस्ट राज्य मेघालय में मुख्यमंत्री और बीजेपी की सहयोगी पार्टी एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड के. संगमा ने इसकी आलोचना की है. मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने कहा कि समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष संगमा ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि यूसीसी देश के लिए उपयुक्त नहीं है. यह भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है, जो विविधता में एकता की विशेषता वाला एक विविध राष्ट्र है.
संगमा ने कहा, ''मैं पार्टी के दृष्टिकोण से बात कर रहा हूं. एनपीपी के मुताबिक समान नागरिक संहिता भारत की वास्तविक भावना के खिलाफ है. विविध संस्कृतियां, परंपराएं, जीवनशैली और धर्म देश की ताकत हैं.'' उन्होंने आगे कहा, “मेघालय एक मातृसत्तात्मक समाज है और यही हमारी ताकत है. जिस संस्कृति और अन्य पहलुओं का हम लंबे समय से अनुसरण कर रहे हैं, उन्हें बदला नहीं जा सकता. एक राजनीतिक दल के रूप में, हमें एहसास है कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को एक अनूठी संस्कृति मिली है. हम नहीं चाहेंगे कि हमारी परंपरा और संस्कृति को छुआ जाए."
एनपीपी बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) की सहयोगी है. यह सत्तारूढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (MDA) का नेतृत्व करती है. दो विधायकों के साथ बीजेपी एमडीए सरकार में भागीदार है. एनपीपी का मेघालय के अलावा मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश में मजबूत राजनीतिक आधार है.
पीएम मोदी ने यूसीसी पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में बीजेपी के ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कार्यक्रम में यूसीसी को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के भूखे लोग हैं जो तीन तलाक की वकालत करते हैं. भारत के मुसलमान भाई-बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल हैं जो उन्हें भड़काकर उनका फायदा उठाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कुछ लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर मुस्लिम भाई-बहनों को भड़का रहे हैं क्या एक ही परिवार में दो तरह के नियम चलते हैं?
एक ही परिवार में दो नियम नहीं हो सकते-पीएम
यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में पीएम मोदी ने आगे कहा कि लोगों को गलत अफवाह फैलाते हैं कि एक ही परिवार में हर एक के लिए अलग-अलग व्यवस्था होगी. वह आगे सवाल करते हैं कि क्या इस तरह परिवार चल पाएगा?
क्या है यूसीसी?
समान नागरिक संहिता सभी नागरिकों के लिए उनके धर्म, लिंग, लिंग और यौन रुझान की परवाह किए बिना व्यक्तिगत कानून बनाने और लागू करने का एक प्रस्ताव है. इस समय विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून उनके धार्मिक ग्रंथों द्वारा शासित होते हैं.
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