भोपाल: मध्य प्रदेश के कई शहरों में ग्रुप- 2, सब ग्रुप- 4 पटवारी परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितता की बात कहकर छात्रों ने गुरूवार को प्रदर्शन किया. वहीं, इस मामले पर सरकार की ओर से सफाई भी दी गई. सरकार ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए उसपर प्रदेश को बदनाम करने का आरोप लगाया है. हालांकि, CM शिवराज सिंह ने इस पूरे मामले पर एक्शन लेते हुए परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों को रोक दिया है.
CM शिवराज सिंह ने कहा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह- 2, उप समूह- 4 औक पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेन्टर के परिणाम का पुन परीक्षण किया जाएगा.
सरकार की ओर से कहा गया कि कांग्रेस विश्व की आधुनिकतम चयन परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रही है और एक के बाद एक श्रंखलाबद्ध झूठ बोल रही है. सरकार ने ये भी आरोप लगाया कि सरकार ग्वालियर के युवाओं की प्रतिभा को कठघरे में खड़ा कर रही है.
मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है. प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं. ये देश की सबसे प्रतिष्ठित कंपनी है, जिसने आईआईटी और नीट की परीक्षा कराया है. नौकरियां देने का सिलसिला 1 लाख से ज्यादा है ये पीड़ा है कि आप 1 नहीं दे पाए.
सरकार ने बताया कि 1000 नहीं, चयनित उम्मीदवारों में 114 अभ्यर्थियों का सेंटर ग्वालियर स्थित NRI कॉलेज था. टॉप 10 के सारे उम्मीदवारों की परीक्षा तारीख और पाली अलग-अलग है. यानी इन सबके प्रश्न-पत्र भी अलग-अलग थे. 10 टॉपर्स में से 2 अनारक्षित, 1 EWS- विकलांग, 1 SC, 6 OBC श्रेणी से हैं. टॉप 10 अभ्यर्थियों में से 6 ने हिंदी में और 4 ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये हैं. टॉप 10 के किसी भी उम्मीदवार को अंग्रेजी में पूरे अंक नहीं मिले हैं, बल्कि 13 से 23 के बीच नंबर आए हैं.
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