भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मुरली मनोहर जोशी से कहा है कि वे आगामी आम चुनाव ना लड़ें. पार्टी का ये कदम, उम्रदराज हो चुके अपने कई नेताओं को चुनाव में कैंडिडेट ना बनाने के पार्टी के फैसले की ही एक कड़ी है. इस फैसले के तहत बीजेपी के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को भी पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के कार्यालय ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है. कार्यालय के अनुसार, जोशी ने कानपुर के वोटरों के लिए एक संक्षिप्त बयान जारी किया है. 85 साल के जोशी ने 2014 में कानपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव जीता था. बयान में कहा गया है कि बीजेपी महासचिव (संगठन) राम लाल ने जोशी को पार्टी नेतृत्व के इस निर्णय से अवगत कराया कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. जोशी ने 2009 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था लेकिन 2014 में उन्होंने यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खाली कर दी थी. हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी की प्रतिक्रिया अभी पता नहीं चल पाई है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी (91 साल) के साथ जोशी दो दशक से अधिक समय तक बीजेपी के चेहरे के तौर जाने जाते थे. संसद की एस्टीमेट कमिटी के अध्यक्ष जोशी के विभिन्न मुद्दों जैसे रोजगार, जीडीपी और नॉन-एक्जीक्यूटेड असेट्स (एनपीए) आदि पर निष्कर्षों से सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी ने यह ‘सैद्धांतिक निर्णय’ किया है कि बुजुर्ग नेताओं को युवा नेताओं के लिए रास्ता बनाना चाहिए. इस बार पार्टी ने आडवाणी सहित 80 साल से अधिक उम्र के अपने नेताओं बी सी खंडूरी, करिया मुंडा, कलराज मिश्रा और विजय चक्रवर्ती वगैरह को टिकट नहीं दिया है.
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