Supreme court: प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सीधे प्रसारण का एक दूसरा पहलू भी है. उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है क्योंकि सोशल मीडिया के युग में अदालत में उनके द्वारा कहे गए प्रत्येक शब्द सार्वजनिक दायरे में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जब हम संविधान पीठ की टिप्पणियों का सीधा प्रसारण करते हैं तो हमें इसका एहसास होता है.’’
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