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अशोक गहलोत Vs जाट नेता : जाटों के गढ़ पर क्‍यों है सचिन पायलट की नजर?

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के कार्यक्रम राजस्थान में कांग्रेस के फॉर्मूले से हटते नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और व्यक्तिगत रूप से राज्य में घूम-घूमकर उन शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं, जहां लोग सरकारी सहायता के लिए पंजीकरण कराने के लिए कतार में खड़े हैं. हालांकि पायलट ने पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में धावा बोला है, जो कांग्रेस का गढ़ नहीं है. उनकी चाल पश्चिमी राजस्थान के दो प्रमुख कांग्रेस नेताओं - हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी द्वारा संचालित है. हरीश चौधरी कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हैं और हेमाराम चौधरी गहलोत सरकार में मंत्री हैं.

पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में पायलट की पहुंच इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका गढ़ गुर्जर और मीणा वर्चस्व वाले पूर्वी राजस्थान के क्षेत्रों में माना जाता है. बाड़मेर गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र जोधपुर के बगल में स्थित जिला भी है. 

जाट वोट बैंक में पैठ बनाना राजस्थान में काफी महत्वपूर्ण है. जाट राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हैं और यह पायलट के लिए महत्वपूर्ण है. 

जाट मुख्‍यमंत्री की मांग 

जाट लंबे समय से राजस्थान में अपने समुदाय से मुख्यमंत्री की मांग कर रहे हैं. उन्होंने अक्सर गहलोत का विरोध किया है. कांग्रेस और जाटों के नेता परसराम मदेरणा को गहलोत का पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता था. 

गहलोत और जाट नेताओं के बीच की इस दरार में हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी जैसे जाट नेताओं के साथ पायलट कदम रखते दिख रहे हैं. 

पायलट ने राजस्थान में परीक्षा पेपर लीक और युवाओं के साथ अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई के मुद्दों को उठाया है. 

'भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर ध्‍यान क्यों नहीं?'

पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इसके बारे में गहलोत को लिखा था और पूछा था कि अगर कांग्रेस कर्नाटक में भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है तो पार्टी राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ध्‍यान क्‍यों नहीं देती है.  

उन्होंने कहा, "जब भी भ्रष्टाचार हुआ है, हमने इसका विरोध किया है. कर्नाटक में भी हम भ्रष्टाचार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार में जो कुछ हुआ, उसके बाद हमें भ्रष्टाचारियों को दंडित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर काम करना चाहिए. मैंने इस मुद्दे को उठाया और मुख्यमंत्री को लिखा है. आगे भी ऐसा करना जारी रखूंगा." 

तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए : पायलट 

परीक्षा पेपर लीक होने पर पायलट ने कहा कि गहलोत सरकार को पेपर लीक करने वालों को पकड़ने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए. उन्‍होंने कहा, "युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में इतना समय क्यों लगता है?" 

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